Sukra and sonja Shrestha आयु दोर्ण सुते, श्रीयन दशरथे शत्रुश्य सग्रागवे। एस्वर्य नहुस् गतिस्व पवने, मानन्य दुर्योदधे, सुर्य सन्तानावे, बलन्चहलधरे, सत्यन्ते कुन्ती सुते, बिज्ञाने बिदुरे, भवती भवताम कृत्यक्ष्य नारायणे, बलिबुधो
जयन्तीमंगलकाली, भद्रकाली कपालीनी, दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा सुधा नमस्तुते, जयत्यम देबि चामुन्डे, जय भुतार्ती हरिणी, जय सर्व गतो देवी, कालरात्री नमस्तुते /
Friday, October 12, 2007
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